किसी भी शुभ काम की शुरूआत में स्वास्तिक बनाने की परंपरा है। ये सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। स्वास्तिक का वास्तु में भी महत्व बताया गया है। जानिए स्वास्तिक से जुडी कुछ खास बातें……
1 स्वास्तिक के चिन्ह को कभी भी आड़ा-टेड़ा या उल्टा नहीं बनाना चाहिए। ये चिन्ह एकदम सीधा सटीक और सुंदर होना चाहिए।
2 घर में कभी भी उल्टा स्वास्तिक नहीं बनाएं। उल्टा स्वस्तिक किसी खास मनोकामना के लिए मंदिर में बनाते हैं। घर में सीधा स्वास्तिक ही बनाना चाहिए
3 जहां पर आपको स्वास्तिक बनाना है, वह स्थान एकदम स्वच्छ और पवित्र्र होना चाहिए, वहां किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए।
4 पूजा करते समय
हल्दी से भी
स्वास्तिक बना
सकते है,हल्दी
का स्वास्तिक बनाने
से वैवाहिक जीवन
से जुड़ी मनोकामनाएं
पूरी हो सकती
हैं। बाकी इक्छाओ के
लिए कुमकुम से
स्वास्तिक बनाएं।
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