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ऐसे मनाएं जब कोई अपना रूठ जाए

  COME BACK   कई तरीके हैं उन्हें करीब लाने के

किसी ने कहा है, रूठे रब को मनाना आसान है। रूठे यार को मनाना मुश्किल। हालांकि मुश्किल है पर इतना भी नहीं, गर रिश्ता सच्चा हो तो नाराजगी ज्यादा टिक नहीं सकती। बस जरूरत है थोड़ी सी आजमाइश की। जाने कुछ बातें जो आपकी मदद करेंगी।

01 वजह जानें

पहली और सबसे जरूरी बात है वजह। ये जाने बिना कि इस नाराजगी का कारण क्या है उसे दूर कैसे कर सकते हैं आप आगे न बढ़े। बात कर के वजह जानने की कोशिश की जा सकती है पर अगर ये भी सम्भव नहीं हो पा रहा हो तो किसी दोस्त से बात कर के मसले को समझे। जब इससे भी बात न बने तो एकांत में बैठकर बीती बातों पर नजर डालें कि आखिर कब, कहां और कैसे हुआ सब कुछ। आपको जवाब जरूर मिलेगा।

02 निवारण खोजें

जब वजह पता चल जाए तो निवारण मुश्किल नहीं। बात करके या मिलकर बात सुलझाई जा सकती है। कई बार अपनी बात कहने में हिचक हो सकती है तो खत लिखकर या सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात पर्सनल मैसेज पर कहें। खत लिखना ओल्ड फैशन हो गया है पर यकीन मनिए अपने हाथ से लिखी चन्द लाइनों में वो अहसास पैदा किया जा सकता है जो नाराजगी को पिघला दें।

03 यादें खोलें

कई बार जिंदगी में आगे बढ़ते-बढ़ते कुछ अजीम और अजीज रिश्ते पीछे छूट जाते हैं पर जब हम महसूस कर पाते हैं उन रिश्तों की कमी तब मालूम पड़ता है कि हमारी बेरुखी से वो रिश्ता मुरझा गया। जब जागे तभी सबेरा बस इसी फंडे को अपनाएं और कोशिश करें उस अजनबियत को मिटाने की जो इस रिश्ते में आ गई है। पुरानी तस्वीरें, पुराने खत, पुराने किस्से दोहराइए रिश्ता फिर ताजा हो जाएगा।

04 माफी मांगें

माफी मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता है। और जब सामने वाला आएके लिए खास है तो माफी मांगने में झिझक बिल्कुल न करे। अगर गलती पता चल गई है तो आपके लिए बिना समय गवाएं माफी मांगकर अपने रिश्ते को बचाने से अच्छा कोई विकल्प हो ही नहीं सकता। कई बार हमारे झूठे अहम हमारे अजीज रिश्ते को लील जाते हैं और हमारे पास सिवाय अफसोस के कुछ नहीं बचता। इसलिए झुकना पड़े तो बिल्कुल भी संकोच न करें।

ध्यान रखें : रिश्ते नसीब से मिलते हैं तो ऊपर वाले का शुक्रिया अदा कीजिए। सहेजिए उनको जैसे हम सहेजते हैं किसी पौधे को या किसी छोटे बच्चे को।


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