यह बोलना आसान है कि राजी-खुशी ब्रेकअप हो सकता है, लेकिन करना है मुश्किल। हालांकि कुछ ऐसे सुझाव हैं जिन सुझाव को अपनी जिंदगी में लाकर हम खुशी-खुशी अपने उस साथी से रिश्ता तोड़ सकते हैं। इतना ही नहीं हम बाद में उसके साथ रिलेशनशिप में न भी रहें, लेकिन उसके अच्छे दोस्त तो बने रह सकते हैं।
क्या करें: स्वीकारें कि यह अंत है
आजकल के लड़के और लड़कियां देर से शादी कर रहे हैं और वे खुद ही अपनी शादी के लिए तैयारी भी करते हैं। हनीमून पीरियड खत्म होने के बाद आपसी मतभेद और कड़वाहट रिश्ते में प्रवेश करने लगते हैं और वे इसे सुलझाने में लग जाते हैं। अतः बातचीत करते रहना और ईमानदारी बरतना बहुत जरूरी है। जरूरी नहीं कि आपने जैसी अपने रिश्ते की के लिए कल्पना की होगी आपका रिश्ता भी उसी तरह से आगे बढ़े, इस बात को स्वीकारें।
क्या न करें: बातचीत से न कतराएं
रिश्ते को खत्म करने के लिए टेक्स्ट मैसेज बिल्कुल भी सही तरीका नहीं है। इस तरह के मैसेज में आप शब्द तो लिख देते हैं, लेकिन उसमें अपनी भावनाएं और अपने उनके लिए अहसास को नहीं दिखा पाते। तो इस स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीका यही होता है कि आप दोनों आपस में पूरी ईमानदारी से बात करें, जिसमें उन दोनों को एक दूसरे से सवाल पूछने की इजाजत हो।
क्या करें: सही ढंग से रिश्ता तोड़ें
अपना ब्रेकअप होने के बाद उनके साथ अपने रिश्ते अच्छा बनाए रखने की कोशिश कभी न करें। जब आपको मालूम हो कि आप उनके पास कभी भी वापस नहीं जाने वाले हैं तो मीठी-मीठी करके उन्हें अपने लिए लटकाए रखने का कोई मतलब नहीं है। सीधे-स्पष्ट शब्दों में बयां कर दें कि आप दोनों को क्यों अलग होना चाहिए। जितनी आप खुलकर बात करेंगे, आगे आप लोगों के लिए उतना ही आसान होगा। कई बार गलातफहमियां भी रिश्ते को तार-तार कर देती हैं। देर होने पर जब पता चलता है तो सिवाय पछताने के कुछ और हाथ नहीं आता। इस बात को जितना जल्दी समझें, अच्छा होगा।
क्या न करें: अपने एक्स की बुराई
अपने पति या एक्स बॉयफ्रेंड से अलग होने के बाद हो सकता है कि आप दोनों के काॅमन फ्रेंड्स के बीच आपको उनकी बुराई करने का मन करे। लेकिन ऐसा करने से बचें, क्योंकि हो सकता है कि वे आपके बजाय आपके पूर्व प्रेमी या पति के प्रति वफादार हों। इस तरह की बातें करना हो सकता है कि आपकी गरिमा को खराब करने का काम करे।
क्या कहता है सर्वे: दिल टूटना, दर्द और कड़वाहट हर ब्रेकअप स्टोरी का हिस्सा होते हैं। ब्रिटिश आर्गेनाईजेशन यूगव द्वारा किए गए एक पोल के नतीजे बताते हैं कि 58 प्रतिशत अलग हुए पार्टनर्स 'खुशी-खुशी अलग होने' की संकल्पना में विश्वास नहीं करते, पर रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स कहते हैं, कि यदि आप कुछ बुनियादी नियमों का अनुसरण करें तो यह संभव है।
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