1. सही जगह से बातचीत की शुरुआत करें
हर किसी की अलग पृष्ठभूमि और समझ होती है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि किसी सूचना को उनके स्तर पर जाकर समझाएं। कोई अगर किसी बात को नहीं मानने वाला. तो शुरुआत से ऐसा मानकर बातचीत में गैप ना छोड़े। अगर शक है कि सामने वाला आपकी बात पर ध्यान दे रहा है या नहीं, तो उससे सीधे पूछ लें। बातचीत का सिरा पकड़ना जरूरी है। कहीं से भी बात शुरू करने से वह प्रभावी नहीं रह जाती।
2. सबकुछ एक ही बार में ना बताएं
हम सब सीखना चाहते हैं, पर एक समय पर सीमित मात्रा में ही सीख सकते हैं। एक बार में ही बहुत सारी जानकारियां देने से बचें। उदाहरण के लिए आप किसी पेंटिंग के बारे में जानते हैं और म्यूजियम में अपने मित्र के साथ घूमने के दौरान वह पेंटिंग आपको दिख जाती है। ऐसे में आप कोशिश करते हैं कि इससे जुड़ी सारी जानकारी मित्र को बता दें। कोशिश करें कि एक बार में महत्वपूर्ण, रुचिकर जानकारियां साझा करें।
3. बारीकियों से ज्यादा स्पष्टता पर ध्यान दें
जिस विषय पर हमें महारत हासिल है, उस पर बात करने के दौरान हम तकनीकी शब्दों और बारीकियों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। कोशिश करते हैं कि हर चीज़ सही और वैसे ही कही जाए। पर प्रभावी संवाद में स्पष्टता पर भी ध्यान होना चाहिए। कोशिश करें कि बात समझाने के लिए आसान शब्दों का इस्तेमाल हो। तकनीकी शब्दों के लिए भी सरल विकल्पों का चुनाव करें। संवाद में स्पष्टता कहीं ज्यादा मायने रखती है।
4. समझाएं कि बात क्यों जरूरी है
किसी को कोई बात समझाने में आप वक्त ले रहे हैं, तो तय बात है कि वह विषय महत्वपूर्ण होगा ! बातचीत के दौरान अगर आप सामने वाले को मुद्दे के साथ इसकी महत्ता समझाने में कामयाब हो गए, तो वह व्यक्ति उस पर अपेक्षाकृत रूप से ज्यादा ध्यान देता है। अपने उत्साह के बारे में जितना बताएंगे, सामने वाला भी उसी उत्साह से आपकी बात को सुनेगा। इसका एक तरीका है कि बातें उदाहरणों के साथ करें।
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